मंगलायतन विश्वविद्यालय के कृषि संकाय द्वारा विद्यार्थियों के अंदर उद्यमिता कौशल विकसित करने के लिए ढिंगरी मशरूम का उत्पादन शुरू किया गया है। यहां से सीखने के बाद विद्यार्थी भविष्य में इसे रोजगार के रूप में अपना सकते हैं। प्राध्यापक वेदरतन ने बताया कि मशरूम उत्पादकों के लिए आय का अतिरिक्त स्रोत हो सकता है। ऑइस्टर ढिंगरी मशरूम उत्पादन पॉलिथीन बैग में बंद जगह पर की जाती है। इस मशरूम की उत्पादन लागत 15-20 रुपये किलोग्राम आती है। एक कुंतल भूसे में औसतन 70-75 किलोग्राम तक मशरूम पैदा होता है। इस मशरूम में उच्च गुणवत्ता युक्त प्रोटीन के साथ ही अन्य पोषक तत्व भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। उन्होंने बताया की यह मशरूम डायबिटीज, हृदय रोग, मोटापा, रक्तचाप जैसी अनेकों बीमारियों में अत्यंत लाभदायक है। विभागाध्यक्ष प्रो. प्रमोद कुमार ने बताया की भविष्य मे विश्वविद्यालय में मशरूम प्रशिक्षण एवं बड़े स्तर पर मशरूम उत्पादन की योजना पर कार्य प्रस्तावित है। इससे अलीगढ़ के साथ आस-पास के कृषक एवं बेरोजगार युवक लाभान्वित हो सकेंगे। मशरूम उत्पादन सहायक प्रक्षेत्र प्रबंधक पंकज कुमार की देख रेख में छात्र सुमित, श्याम आनंद, कुलदीप, मो. शाद आदि का सहयोग से हुआ। कुलपति प्रो. पीके दशोरा, कुलसचिव ब्रिगेडियर समरवीर सिंह, परीक्षा नियंत्रक प्रो. दिनेश शर्मा ने मशरूम उत्पादन का अवलोकन किया और प्रसन्नता व्यक्त करते हुए छात्रों को प्रोत्साहित किया।
छात्रों के उद्यमिता विकास हेतु ढिंगरी मशरूम का उत्पादन हुआ शुरू
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